नई दिल्ली : देश के 2,900 बीएड कॉलेजों की मान्यता पर तलवार लटक गई है। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने कॉलेजों को छात्र-शिक्षक अनुपात, शिक्षकों की संख्या, पैन, आधार, वेतन जमा जाँचकरीयों न देने पर कार्रवाई शुरू की है। इस जाँच की कड़ी में 15 दिनों की नोटिस जारी की गई है और इन कॉलेजों को 15 दिन में जवाब देने का हुक्म दिया गया है।
कॉलेज स्पष्टिकरण देने में नाकाम रहे तो नियमों के तहत मान्यता रद्द करने का प्रावधान है। एनसीटीई अखिल भारतीय प्रोफेसर पंकज अरोड़ा ने बताया कि शिक्षक बनाने की पढ़ाई में गुणवत्ता में सुधार के लिए पहले चरण में बदलााव कर्ते हुए सभी बीएड कॉलेजों से शैक्षिक सत्र 2021-22 और 2022-23 की परफॉर्मेंस ऑप्रेजल रिपोर्ट ऑनलाइन माँगी गई थी। जाँचकरीयों देने में लापरवाही बरती गई, जिसके कारण कॉलेजों को जवाब नहीं दियाँ और न ही नियमों का पालन किया गया।
नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) के अनुसार, देश में 2,900 बीएड कॉलेजों की पढ़ाई करने वाले 2,900 कॉलेजों ने कोई जवाब नहीं दिया। ब्यूरो ने बताया कि इन कॉलेजों ने नियमों का उल्लंघन किया है और शैक्षिक सत्रों के दौरान आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं किए। इस कारण इनकी मान्यता रद्द करने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
एनसीटीई ने स्पष्ट किया कि शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों को गुणवत्ता बनाए रखने के लिए नियमों का पालन करना होगा। अगर कॉलेज समय पर जवाब नहीं देते हैं, तो उनकी मान्यता रद्द हो सकती है। यह कदम शिक्षक प्रशिक्षण की गुणवत्ता को बेहतर करने और शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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