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एक्सीडेंट में दोनों पैर गंवाए पर नहीं टूटा हौसला, IIT से गूगल तक का सफर, पढ़िए इस जांबाज की कहानी

एक्सीडेंट में दोनों पैर गंवाए पर नहीं टूटा हौसला, IIT से गूगल तक का सफर, पढ़िए इस जांबाज की कहानी

Naga Naresh Karutura, IIT Madras: नरेश के माता पिता पढ़े लिखे नहीं थे और सिर्फ अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए पर्याप्त कमाई करना चाहते थे.

JEE Advanced Success Story: ये एक ऐसे शख्स की स्टोरी है, जिसने बचपन में अपने दोनों पैर खो देने के बाद भी कभी हार नहीं मानी. नागा नरेश करुतुरा ने सारी मुश्किलों को पार किया, JEE एडवांस्ड परीक्षा पास की, IIT मद्रास में पढ़ाई की, और अब गूगल में काम करते हैं. उनकी कहानी साबित करती है कि दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से कुछ भी संभव है।.

नागा नरेश का जन्म आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गांव में हुआ था. उनके पिता ड्राइवर थे और मां हाउस वाइफ. वे पढ़े लिखे नहीं थे और सिर्फ अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए पर्याप्त कमाई करना चाहते थे.

गरीबी के कारण जीवन पहले से ही कठिन था, लेकिन एक दुखद दुर्घटना ने सब कुछ बदल दिया. नरेश ने अपने दोनों पैर खो दिए. उन्हें एक निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनके माता-पिता के पास पैसे न होने के कारण उन्होंने इलाज करने से मना कर दिया. बाद में, पुलिस उन्हें एक सरकारी अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों को उनके दोनों पैर काटने पड़े. उस दिन से, उन्हें व्हीलचेयर पर निर्भर रहना पड़ा.

इन कठिनाइयों के बावजूद, नरेश एक होनहार छात्र थे. हालांकि, आर्थिक तंगी के कारण, उन्हें स्कूल छोड़ना पड़ा. अपने दोस्तों के सपोर्ट और अपने दृढ़ संकल्प के साथ, उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी. स्कूल पूरा करने के बाद, नरेश ने IIT-JEE परीक्षा की तैयारी की. उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 992 हासिल की और विशेष रूप से सक्षम कैटेगरी में चौथा स्थान प्राप्त किया. फिर उन्होंने B.Tech डिग्री के लिए IIT मद्रास में एडमिशन लिया.

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