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कोराना काल में परिषदीय विद्यालयों में लागू टाइम एंड मोशन व्यवस्था को समाप्त करते हुए विद्यालय संचालन समय पूर्ववत करने के सम्बंध में ज्ञापन

उत्तर प्रदेश के जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने कोरोना काल में लागू टाइम एंड मोशन व्यवस्था को समाप्त करने की मांग की

उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ ने राज्य सरकार से कोरोना काल में परिषदीय विद्यालयों में लागू टाइम एंड मोशन व्यवस्था को समाप्त करने की मांग की है। संघ ने इस संबंध में प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा, उत्तर प्रदेश को एक पत्र लिखा है।

टाइम एंड मोशन व्यवस्था क्या है?

कोरोना काल में, जब सभी शैक्षणिक संस्थान बंद थे, तो बच्चों में सीखने की कमी आ गई थी। इस कमी को दूर करने के लिए, राज्य सरकार ने टाइम एंड मोशन व्यवस्था लागू की। इस व्यवस्था के तहत, विद्यालयों के संचालन समय और शिक्षण अवधि में वृद्धि की गई।

शिक्षकों की मांग

शिक्षकों का कहना है कि अन्य शैक्षणिक संस्थानों ने अपना संचालन समय बदलकर पहले जैसा कर लिया है, लेकिन परिषदीय विद्यालयों में अभी भी टाइम एंड मोशन व्यवस्था लागू है। उन्होंने कहा कि ग्रीष्मकाल में विद्यालय सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक चलते हैं, जबकि पहले यह सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक था।

शिक्षकों ने यह भी कहा कि टाइम एंड मोशन के तहत, उन्हें अगले दिन की शिक्षण योजना तैयार करने के लिए शिक्षण कार्य के बाद 30 मिनट तक विद्यालय में रोका जाता है, जो अव्यावहारिक और सुरक्षा की दृष्टि से उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि यह काम शिक्षकों द्वारा घर पर किया जाता है।



शिक्षकों ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे कम उम्र के होते हैं और शिक्षण अवधि अधिक होने के कारण उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इससे उनकी नियमित उपस्थिति प्रभावित होती है और विभाग द्वारा निर्धारित शैक्षिक लक्ष्यों की प्राप्ति में भी बाधा उत्पन्न होती है।

शिक्षकों की मांगें

* टाइम एंड मोशन व्यवस्था समाप्त की जाए।
* परिषदीय विद्यालयों का ग्रीष्मकालीन संचालन समय पहले की तरह सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक किया जाए।

पत्र की प्रतियां

पत्र की प्रतियां महानिदेशक स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश, शिक्षा निदेशक (बेसिक) उत्तर प्रदेश, सचिव, उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज और अध्यक्ष/महामंत्री संयुक्त संघर्ष संचालन समिति, उत्तर प्रदेश को भी भेजी गई हैं।


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