प्रधानाध्यापक/इं.प्रधानाध्यापक के सहयोग एवं स्वच्छता व्यवस्था के संबंध में:
👉साथियों विद्यालयों में "सफाई कर्मियों की अनुपस्थिति" एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जिससे प्रधानाध्यापक एवं इं. प्रधानाध्यापक को अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सफाई कर्मियों के दैनिक स्वच्छता कार्य न करने के कारण कई बार रसोइयों या स्वयं अध्यापकों को सफाई का कार्य करना पड़ता है।
👉यद्यपि स्वच्छता के प्रति जागरूकता आवश्यक है, किंतु बच्चों से नियमित रूप से सफाई करवाना अनुचित है। रसोइयों का कार्य केवल भोजन बनाना और रसोई घर की सफाई करना है, अतः उनसे पूरे विद्यालय की सफाई कराना भी अन्यायपूर्ण है। यदि अध्यापक गण स्वयं इस कार्य में संलग्न रहेंगे, तो शिक्षण एवं प्रशासनिक कार्य बाधित होंगे। निरीक्षण के दौरान अधिकारी स्वच्छता संबंधी कमियों पर हमारे प्रधानाध्यापक को जिम्मेदार ठहराते हैं, जबकि सफाई कर्मी अक्सर अनुपस्थित रहते हैं। यह समस्या अधिकांश प्राथमिक /उच्च प्राथमिक विद्यालयों में व्याप्त है।
समस्या समाधान हेतु सुझाव:
हमारे प्रधानाध्यापक साथियों को इस विषय में अनुचित कार्रवाई से बचने के लिए खंड विकास अधिकारी (B.D.O.) को पत्र सौंपना चाहिए जिसमें कुछ बिंदुओं को जरूर ध्यान रखना चाहिए।
1. पत्रांक संख्या अंकित करें, ताकि वह आधिकारिक रूप से दर्ज हो।
2. खंड विकास अधिकारी से रिसीविंग प्राप्त करें और एक प्रति पत्र व्यवहार रजिस्टर में चस्पा करके रखें।
3. पत्र की एक प्रति उच्च अधिकारियों (खंड शिक्षा अधिकारी) को भी भेजें।
साथियों खंड विकास अधिकारी को भेजा जाने वाले पत्र का प्रारूप साथ में भेजा जा रहा है अतः प्रारूप पर अपने विद्यालय का नाम, दिनांक, पत्रांक संख्या व अपना हस्ताक्षर कर खंड विकास अधिकारी के कार्यालय को रिसीव करा दें और रिसीविंग की एक प्रतिलिपि खंड शिक्षा अधिकारी को भी भेज दें। जिससे बाद में किसी भी अधिकारी के निरीक्षण के दौरान आप किसी भी विभागीय कार्यवाही से बच सकें।
धन्यवाद!
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