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महापुरुषों के नाम से दस नई योजनाएं : योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट पर चर्चा के दौरान कई महत्वाकांक्षी योजनाओं की घोषणा की है। उन्होंने महापुरुषों के नाम पर समर्पित 10 योजनाएं शुरू करने का ऐलान किया है। ये योजनाएं न केवल आर्थिक प्रगति को गति देने वाली हैं, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों के उत्थान और ऐतिहासिक विरासत के संरक्षण का भी माध्यम बनने जा रही हैं।




विभिन्न वर्गों और समाज को साधने का प्रयास सरकार का यह कदम एक ओर जहां महापुरुषों से प्रेरणा लेकर विरासत और विकास को साथ लेकर चलने की नीति को पुष्ट करता है तो राजनीतिक दृष्टिकोण से भी गहरे अर्थों वाली हैं।






इन योजनाओं से विभिन्न वर्गों को लाभ मिलेगा और प्रदेश की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक व औद्योगिक प्रगति को गति भी मिलेगी। करीब 10 ऐसी योजनाओं को महापुरुषों को समर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर और समरस समाज की दिशा में एक नई ऊंचाई प्रदान करेगी।






माता शबरी के नाम पर कृषि मंडियों में कैंटीन और विश्रामालय माता शबरी भक्ति और समर्पण का प्रतीक हैं,उनके नाम पर कृषि मंडियों में कैंटीन और विश्रामालय की स्थापना से किसानों और श्रमिकों को सस्ते दर पर भोजन व आराम की सुविधा मिलेगी। इससे पहले सरकार ने अयोध्या में भी शबरी के नाम पर भोजनालय स्थापित किया है।






सरदार पटेल के नाम पर जनपदीय आर्थिक क्षेत्र सरकार ने 2025-26 के बजट में युवाओं के लिए जनपदीय आर्थिक क्षेत्र रोजगार ज़ोन के रूप में बड़ा एलान किया है।






मुख्यमंत्री ने इसके बारे में भी विधान सभा को जानकारी दी और कहा कि प्रत्येक जनपद की विशेषताओं और सम्भावनाओं को ध्यान में रखते हुए 100 एकड़ में पीपीपी मॉडल पर इसका विकास किया जाएगा। यह अनूठी पहल देश के पहले गृहमंत्री सरदार पटेल को समर्पित की गई है।






अहिल्याबाई के नाम पर महिला हॉस्टल



सरकार ने कामकाजी महिलाओं के लिए बड़े शहरों में आवासीय व्यवस्था सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ‘वर्किंग वुमेन हॉस्टल’ बनाने जा रही है। यह हॉस्टल वाराणसी, मेरठ, प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर नगर, झांसी और आगरा में होंगे। पराधीनता काल में सांस्कृतिक पुनर्जागरण की अग्रदूत रहीं अहिल्याबाई नारी शक्ति का अप्रतिम उदहारण हैं। माता अहिल्याबाई होल्कर ने गरीबों और महिलाओं के उत्थान के लिए भी कई कदम उठाए।






आर्थिकी को लेकर विपक्ष पर कटाक्ष



मुख्यमंत्री ने प्रदेश की आर्थिकी को लेकर विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ये आपकी समझ से बाहर का विषय है। उन्होंने कहा कि इस बार का बजट 8 लाख 8 हजार 736 करोड़ रुपये का है। वर्ष 2023-24 में देश की जीडीपी 9.6 प्रतिशत के दर से वृद्धि दर्ज कर रही है, जबकि इस दौरान यूपी की जीएसडीपी 11.6 फीसदी रही है। बढ़ा हुआ बजट का आकार केवल व्यय नहीं, बल्कि अंतिम पायदान पर विकास की पहुंच सुनिश्चित करने का माध्यम भी है। यह विषय विपक्ष को समझ में आने वाले नहीं।






कबीरदास के नाम पर टेक्सटाइल पार्क



संत कबीरदास जाति-धर्म से ऊपर उठकर मानवता और श्रम की महत्ता का प्रचार करने वाले महान संत थे। उनके नाम पर स्थापित 10 टेक्सटाइल पार्क प्रदेश के कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देंगे, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा और टेक्सटाइल सेक्टर नई ऊंचाइयों को छुएगा। लखनऊ- हरदोई में निर्माणाधीन पीएम मित्र पार्क को भी संत कबीर को ही समर्पित किया था।






संत रविदास के नाम पर चर्मोद्योग पार्क

संत रविदास समाज में समानता और श्रम की प्रतिष्ठा के पक्षधर थे। उनके नाम पर प्रदेश में दो लेदर पार्क स्थापित किए जाएंगे, जिनमें से एक आगरा में होगा। यह योजना हजारों कारीगरों और श्रमिकों को रोजगार प्रदान करेगी।




लक्ष्मीबाई के नाम पर छात्राओं को स्कूटी

रानी लक्ष्मीबाई भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की अमर वीरांगना थीं। उनके नाम पर मेधावी बालिकाओं को स्कूटी प्रदान करने की योजना शुरू की गई है, जिससे छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सुविधा मिलेगी।




बाबा साहेब छात्रावास पुनर्निर्माण योजना

डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम पर समाज कल्याण छात्रावासों के पुनर्निर्माण और नव निर्माण की योजना से दलित, पिछड़े व आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों को शिक्षा में सहायता मिलेगी।




चौधरी चरण सिंह के नाम पर सीड पार्क

चौधरी चरण सिंह के नाम पर लखनऊ में सीड पार्क स्थापित किया जाएगा, जिससे किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज व कृषि संसाधन उपलब्ध होंगे। कृषि उत्पादकता गति मिलेगी।




बिरसा मुंडा के नाम पर जनजातीय संग्रहालय

धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के नाम मीरजापुर और सोनभद्र में उ दो जनजातीय संग्राहालय की योजना है। बिरसा मुंडा को जनजातीय समाज भगवान के रूप में पूजता रहा है।




सीसामऊ के सीवर प्वाइंट को सेल्फी प्वाइंट बनाया

मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा की अविरलता व पवित्रता के बारे में प्रश्न उठ रहा था। नमामि गंगे परियोजना (2014) के पहले सबसे क्रिटिकल प्वाइंट कानपुर था। यह न सिर्फ यूपी, बल्कि गंगोत्री से लेकर गंगासागर के 2500 किमी. के दायरे में था। कानपुर में 125 वर्ष से सीसामऊ में चार करोड़ लीटर सीवर प्रतिदिन गंगा जी में उड़ेला जाता था, लेकिन पीएम मोदी ने नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई। यद्पि पैसा 2015 में भी उपलब्ध कराया गया, लेकिन सपा की तत्कालीन सरकार ने उसे लागू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। प्रदूषण की बात करने वाले वही लोग हैं, जो कुछ कर नहीं पाए। जब हमें अवसर मिला तो सीसामऊ के सीवर पॉइंट को सेल्फी पॉइंट बनाया। कानपुर में आज एक भी बूंद सीवर गंगा जी में नहीं जाता है, जबकि अंग्रेजों के समय से सीवर गिराने का कार्य प्रारंभ हुआ था।




अटल के नाम पर नगरीय क्षेत्रों में बनेंगे पुस्तकालय

भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में पुस्तकालय बनाने के लिए भी बजटीय प्रावधान किया है।




औद्योगिक गलियारे के लिए 67 भूमि का हो चुका अधिग्रहण नंद गोपाल नंदी




लखनऊ। औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने बुधवार को विधानसभा में बताया कि गंगा एक्सप्रेस-वे को दोनों तरफ बनने वाले औद्योगिक गलियारे के लिए 67 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण हो चुका है। वह विपक्ष द्वारा नियम-56 के तहत किए गए सवालों का जवाब दे रहे थे। रानीगंज के सपा विधायक डा. आरके वर्मा ने विधानसभा में कार्य स्थगन के प्रस्ताव पर प्रयागराज में गंगा एक्सप्रेस के किनारे यूपीडी द्वारा ग्रीन फील्ड औद्योगिक गलियारा विकसित करने के लिए सोरांव की ग्राम पंचायत सराय लाल खातून व शिवगढ़ ,माधोपुर, मालक चतुरी, बारी और जूड़ापुर दादू के साथ इनर रिंग रोड वारारणसी राजमार्ग के पास ग्राम पंचायत अंदाज, तेदुंई भागीपुर, सरभददीनपुर, अवूसा गलियारे आदि ग्राम पंचायतों के किसानों को मुआवजा बाजार मूल्य के चारगुना दिए जाने की मांग की गई है।




सपा सदस्य प्रभुनारायण यादव ने प्रयागराज के सोरांव तहसील, चंदौली से कोलकाता तक बनने वाले भारतमाला एक्सप्रेस-वे के अलावा चंदौली से सैदपुर घाट तक बन रहे फोर लेन सड़क समेत जिले की कई सड़कों को बनाने में हो रही देरी का भी मुद्दा उठाया।




प्रदेश में नए ईंट-भट्ठों को लाइसेंस देने के लिए बनेगी नीतिअरुण सक्सेना




लखनऊ। विधानसभा में वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. अरुण सक्सेना ने बुधवार को कहा है कि प्रदेश में नए ईंट-भट्टों को लाइसेंस देने के लिए नई नीति बनाई जा रही है। इसे जल्द लागू किया जाएगा। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने उन्हें निर्देश दिए कि ईंट-भट्टे के लिए बिना किसी दिक्कत के लाइसेंस दिए जाएं। दरअसल, विधानसभा में सपा के कमाल अख्तर ने मुरादाबाद के कांठ, बिलारी और संभल में ईंट भट्टा मालिकों को परेशान करने का मुद्दा उठाया। इस पर मंत्री ने कहा कि वर्ष 2012 से पहले चालू किए गए ईंट-भट्टे के लिए कुछ समस्याएं होंगी लेकिन इसके लिए विचार चल रहा है कि कैसे नई नीति लाई जाए। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि अक्सर ईंट-भट्टा मालिकों द्वारा पर्यावरण अधिकारियों द्वारा परेशान करने की शिकायत की जाती है।




उन्होंने मंत्री को निर्देश दिए कि इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दे दें कि ऐसे ईंट भट्टा मालिक जिनकी एनओसी नहीं है, उनके मानकों की जांच कर उन्हें बिना किसी परेशानी के एनओसी दी जाए। विधानसभा अध्यक्ष ने हंसते हुए कहा कि ईंट-भट्टे चूंकि मेरे भी हैं इसलिए मैं यह जानता हूं।

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