महराजगंज, पिता की मौत के बाद फरेंदा ब्लाक के एक शिक्षक ने जब छुट्टी मांगी तो उसे अवकाश नहीं देकर प्रशिक्षण में शामिल होने को कह दिया गया। शिक्षक जब हाथ में तीर व लोटा लेकर डायट पर प्रशिक्षण में शामिल होने पहुंचा तो प्रशिक्षकों ने सहानुभूति दिखाते हुए वापस भेज दिया। लेकिन शिक्षक फरेंदा खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय पर धरने पर बैठ गया। इसके बाद बीईओ ने आनन-फानन में शिक्षक का नाम ट्रेनिंग से हटाकर दूसरे शिक्षक को लगाने की प्रक्रिया की। इसके बाद शिक्षक घर गए।
मामला फरेंदा ब्लाक का है। कम्पोजिट विद्यालय निरनाम पश्चिमी के अध्यापक रामजी विश्वकर्मा के मुताबिक इनके पिता की मृत्यु 15 मार्च की शाम हो गई थी। उनका दाह संस्कार रामजी ने ही किया और तीर लिया। इसी बीच बीईओ फरेंदा ने इनका नाम डायट पर होने वाले डिजिटल लिटरेसी कोडिंग के प्रशिक्षण के लिए डाल दिया। प्रशिक्षण 19 मार्च से 24 मार्च तक होना है। बताया कि पिता की मौत के बाद बीईओ से सम्पर्क कर अवकाश मांगा। कहा कि तीर लिए हैं और प्रशिक्षण में नहीं जा सकते। इस पर बीईओ ने मेडिकल लेने को कहा। शिक्षक ने कहा कि जब वह स्वस्थ हैं तो फर्जी मेडिकल कैसे ले सकते हैं? एक वर्ष में 14 सीएल मिलता है। सीएल भी नहीं ले सकते। इस पर भी बीईओ ने अवकाश स्वीकृत नहीं किया और प्रशिक्षण से नाम भी नहीं हटाया। इसके बाद शिक्षक रामजी विश्वकर्मा बुधवार को धोती पहने, हाथ में तीर व लोटा लेकर डायट पर प्रशिक्षण में पहुंच गए। वहां प्रशिक्षकों ने सहानुभूति दिखाते हुए वापस कर दिया।
डायट से लौटकर शिक्षक रामजी घर न जाकर सीधे फरेंदा बीईओ कार्यालय पर पहुंचे और धरने पर बैठ गए। कहा कि अब वह क्या करें? बीईओ प्रशिक्षण को भेज रहे हैं और प्रशिक्षण दिलाने वाले घर भेज रहे हैं। अवकाश भी नहीं मिला है। धरने की सूचना मिलते ही बीईओ ने आनन-फानन में रामजी विश्वकर्मा का नाम प्रशिक्षण से हटाकर दूसरे शिक्षक को लगाने की प्रक्रिया की। इसके बाद रामजी विश्वकर्मा अपने घर गए। शिक्षक के धरने के दौरान शिक्षक संघ के ब्लाक अध्यक्ष विजय प्रताप पांडेय, मंत्री वीरेन्द्र मौर्य, संरक्षक वंशीधर पांडेय, सुशील सिंह, दुर्गेश पांडेय, पवन गुप्ता, विजय पांडेय, रितेश राय, विकास मिश्र, राजन गुप्ता, उमेश तिवारी, कैलाश मौर्य, प्रमोद यादव, स्वप्निल गुप्ता आदि मौजूद रहे।
इस संबंध में बीईओ सुदामा प्रसाद को कहना है कि अध्यापक की ड्यूटी प्रशिक्षण में पहले ही लगी थी। उनको अवकाश दिया जा रहा था। अवकाश उनका अधिकार है। उनकी समस्या का समाधान कर दिया गया है।
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