वहराइच बेसिक शिक्षा परिषद की वार्षिक परीक्षाएं सोमवार से अधूरी तैयारियों के बीच शुरू हुईं। कहीं पर प्रश्न पत्र नहीं पहुंचे तो कहीं पर एक प्रश्न से दो छात्रों ने परीक्षा दी। प्रश्न पत्र न पहुंचने से विद्यालय के जिम्मेदार शिक्षकों ने ब्लैक बोर्ड पर प्रश्न लिखकर परीक्षा को संपन्न कराया। वहीं, बीएसए ने सभी जगह प्रश्न पत्र समय से पहुंचने व पारदर्शिता के साथ परीक्षा कराने का दावा किया।
वार्षिक परीक्षा के पहले दिन कक्षा एक का मौखिक, कक्षा दो व तीन का गणित और कक्षा चार व पांच का हिंदी का पेपर हुआ। जिले के कई विद्यालयों में कक्षा दो व तीन के गणित का पेपर ही नहीं पहुंचा। शहर के प्राथमिक विद्यालय बड़ीहाट प्रथम में पेपर न आने से शिक्षकों ने ब्लैक बोर्ड पर प्रश्न लिखकर परीक्षा को संपन्न कराया। प्राथमिक विद्यालय कानूनगोपुरा दक्षिणी में गणित का पेपर कम होने के चलते एक प्रश्न पत्र से दो छात्र परीक्षा देते नजर आए। शिक्षकों ने बताया कि मौखिक परीक्षा के साथ लिखित परीक्षा कराई जा रही है। प्रश्न पत्र कम होने के कारण एक पेपर से दो छात्र परीक्षा दे रहे है। यही
हाल जिले के कई विद्यालयों में रहा।तो कैसे रोकेंगे नकल वार्षिक परीक्षा को नकलविहीन कराने का दावा किया जा रहा है, लेकिन सवाल उठ रहा है कि जब एक प्रश्न पत्र से दो छात्र पेपर दे रहे हैं तो नकलविहीन परीक्षा कैसे हो सकती है? एक शिक्षक के ऊपर 30 से अधिक छात्रों की जिम्मेदारी है तो नकल को कैसे रोकेंगे?
जिलेभर में समय से पेपर को विद्यालय में
पहुंचाया गया है, हो सकता है कि कहीं किसी कारण समय से पेपर न पहुंच पाया। हो, जानकारी की जाएगी। जिले में नकलविहीन परीक्षा कराई जा रही है। - आशीष कुमार सिंह, वीएसए।
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