गैंगस्टर के दो मुकदमे दर्ज हैं आरोपी पर
एसटीएफ के मुताबिक, कृष्ण कुमार श्रीवास्तव फर्जी मार्कशीट मामले में वर्ष 2009 में विकास नगर थाने से जेल जा चुका है। उसके खिलाफ धोखाधड़ी के भी मुकदमे है। उस पर गैंगस्टर के दो मुकदमे भी दर्ज हैं। इन तीनों के खिलाफ पारा थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
लखनऊ, । किसी भी बोर्ड अथवा यूनिवर्सिटी की मार्कशीट या प्रमाण पत्र हो, कुछ मिनटों में ही तैयार...। बस, इसके बदले 15 से 20 हजार रुपये प्रति दस्तावेज देने पड़ते थे...।
यह फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को एसटीएफ ने बुधवार रात को पारा इलाके से गिरफ्तार कर लिया। इन लोगों ने लखनऊ में ही दो हजार से अधिक फर्जी मार्कशीट व प्रमाण पत्र तैयार कर वसूली की है। ये लोग वर्ष 2017 और वर्ष 2019 में भी गिरफ्तार हो चुके हैं। एक आरोपी विकासनगर से वर्ष 2009 में भी जेल जा चुका है। जेल से छूटने के बाद यह गिरोह से फिर से फर्जीवाड़ा करने लगा था। इसके पास 51 फर्जी प्रमाण पत्र, कई मोबाइल व अन्य दस्तावेज बरामद हुए है।
एसटीएफ के एएसपी लाल प्रताप सिंह के मुताबिक पकड़े गए सदस्यों में बलरामपुर के तुलसीपुर निवासी अल्ताफ राजा, आलमबाग निवासी कृष्ण कुमार श्रीवास्तव और फैजुल्लागंज निवासी लक्ष्य राठौर शामिल है। आरोपी अल्ताफ राजा ने एसटीएफ को बताया कि वह अपने दिल्ली में डॉ. एसपी पाण्डेय के साथ फर्जी वेबसाइट बनाकर मार्कशीट व प्रमाण पत्र तैयार करता था।
दो लाख में हाईस्कूल फेल को एमबीए बनाने वाला गिरफ्तार
आगरा। हाईस्कूल फेल हैं। एमबीए की डिग्री चाहिए या डीफार्मा की। दो लाख का खर्चा आएगा। कुछ इसी अंदाज में रेबड़ी की तरह फर्जी मार्कशीट बांटने वाले शाहगंज निवासी धनेश मिश्रा को एसटीएस आगरा यूनिट ने गिरफ्तार किया है। एसटीएफ का दावा है कि आरोपित अभी तक पांच हजार से अधिक फर्जी अंकपत्र/प्रमाण पत्र बेच चुका है। दूरस्थ शिक्षा सेंटर की आड़ में आरोपित अंतरराज्यीय गैंग चला रहा था। आरोपित के राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब सहित कई राज्यों ने अपने एजेंट बना रखे हैं।
आरोपी फर्जी वेबसाइट बनाकर करते थे गुमराह
अल्ताफ राजा ने एसटीएफ को बताया कि उन लोगों ने ‘गो डैडी’ व ‘‘बिग रॉक’ नाम से दो वेबसाइट बनाई। इनमें से कुछ डोमेन bhsedelhi.org, bhsenewdelhi.org, bhsedelhiboardnet, technoglobaluniversitymp.org, dsosresults.co.in, riosupresults.org, bujhanshiresults.org, bssbpatnaresults.co.in है। इन बेवसाइट पर फर्जी मार्कशीट व सर्टिफिकेट के साथ ही फर्जी रिजल्ट भी अपलोड कर देता था। इससे लोग अगर वेबसाइट पर रोल नंबर डाल कर रिजल्ट ऑनलाइन चेक करते थे जो दिया गया दस्तावेज पर उस प्रदर्शित हो जाता था। इससे पीड़ित शक नहीं कर पाता था। नौकरी पाने पर अगर ये दस्तावेज लगाए जाते थे तो इनके काल सेन्टर में मौजूद लोग उसका सत्यापन भी कर देते थे। वह लोगों को फर्जी दस्तावेज कोरियर से भेजता था।
जेल से छूटने पर लखनऊ को बनाया ठिकाना
अल्ताफ ने एसटीएफ को बताया कि जेल से छूटने के बाद वह लखनऊ आकर रहने लगा था। यहां उसने कई लोगों को अपना एजेन्ट बनाया जो उसके लिए बेरोजगार युवक ढूंढ़ते थे। फिर इनसे उनका गिरोह 15 से 20 हजार रुपये प्रति दस्तावेज वसूलता था। उसके एजेन्ट लखनऊ से दिल्ली तक फैले हुए है।
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