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फर्जी कक्ष निरीक्षकों की तैनाती पर जेडी से मांगी गई रिपोर्ट

प्रयागराज। यूपी बोर्ड की परीक्षा में केंद्रों पर कक्ष निरीक्षकों की तैनाती और उन्हें जारी परिचय पत्र को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। मऊआइमा थाना क्षेत्र के गांव चकश्याम पूरे हिंचा स्थित भोलानाथ रामसुख इंटरमीडिएट कॉलेज में नौ फर्जी कक्ष निरीक्षकों की तैनाती का - मामला सामने आने के बाद यूपी बोर्ड के सचिव ने संयुक्त निदेशक (जेडी) से रिपोर्ट मांगी है।


परीक्षा केंद्र को डिबार किया जाएगा। मंगलवार को यूपी बोर्ड की परीक्षा के दौरान इस केंद्र पर फर्जी परिचय पत्र के आधार पर कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी करते हुए नौ लोगों को पकड़ा गया था।

मामले में प्रधानाचार्य समेत 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा

दिया गया है। वहीं, यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने माध्यमिक शिक्षा के संयुक्त निदेशक से एक सप्ताह में रिपोर्ट तलब की है। सचिव ने बताया कि रिपोर्ट मिलने के बाद परीक्षा केंद्र को आगामी परीक्षाओं के लिए डिबार किया जाएगा।

वहीं, दो दिन पहले सूरजदीन भगवानदीन यादव इंटर कॉलेज, पचदेवरा, अटरामपुर, प्रयागराज का निरीक्षण करने पर माध्यमिक शिक्षा के निदेशक डॉ. महेंद्र देव को केंद्र में तमाम गड़बड़ियां मिलों थीं। निदेशक ने आगामी परीक्षाओं के लिए इस केंद्र को डिबार करने के आदेश दिए थे।

वहां अधिकांश कक्ष निरीक्षकों को उपलब्ध कराए गए परिचय पत्र सादे प्रारूप पर हस्तलिखित पाए गए थे। कक्ष संख्या-4 में विषय के अध्यापक की ड्यूटी लगा दी गई थी।

कक्ष निरीक्षकों की तैनाती व उनके परिचय पत्र को लेकर कुछ अन्य विवादित मामले भी सामने आए हैं। पिछले दिनों सचिव ने विभिन्न टीमों का गठन कर परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण कराया था। यूपी बोर्ड के परीक्षा केंद्र संगम मॉडर्न इंटर कॉलेज, नैनी प्रयागराज में जिन विद्यालयों के विद्यार्थियों की परीक्षा कराई जा रही थी, उन्हीं विद्यालयों के शिक्षकों को कक्ष निरीक्षक के






रूप में तैनात कर दिया गया, जबकि यह नियम विरुद्ध है।






वहीं, शुभम इंटर कॉलेज, बगोहना खुर्द, करमा में कक्ष संख्या एक, पांच व 10 में केवल एक कक्ष निरीक्षक की तैनाती की गई थी। बेसिक शिक्षा के किसी भी कक्ष निरीक्षक के पास परिचय पत्र नहीं था। विद्यावती इंटर कॉलेज में केंद्र व्यवस्थापक द्वारा उनके केंद्र पर नियुक्त बाह्य कक्ष निरीक्षकों की विषयवार पंजिका भी नहीं बनाई गई थी।






सचिव ने बताया कि निजी, एडेड व सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को कक्ष निरीक्षक बनाया जाता है, जिन्हें डीआईओएस की ओर से परिचय पत्र जारी किया जाता है।






बेसिक शिक्षा के जो शिक्षक का निरीक्षक बनाए जाते हैं, खंड शिक्षा अधिकारी के स्तर से उन्हें प्रमाणित किए जाने के बाद डीआईओएस परिचय पत्र जारी करते हैं। मऊआइमा में जो फर्जी कक्ष निरीक्षक पकड़े गए, वे शिक्षक नहीं बल्कि बाहरी लोग थे।

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