गाजीपुर, परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को मिलने वाले मध्याह्न भोजन की रियलटी चेक करने संबंधी अमर उजाला की खबर, स्कूलों में दोपहर 12:30 बजे तक नहीं बना था मिड-डे-मील, क्लासरूम में मिली बाइक... का असर यह हुआ कि बीएसए ने संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों का वेतन अग्रिम आदेश तक रोक दिया है।
संबंधित बीईओ को जांच अधिकारी नामित करते हुए एक सप्ताह के अंदर जांच कर रिपोर्ट के साथ अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
अमर उजाला की ओर से विभिन्न विकास खंडों में स्थित कई परिषदीय विद्यालयों में एमडीएम की पड़ताल की गई। इस दौरान कहीं बच्चों को मेन्यू के अनुसार भोजन नहीं दिया जा रहा था तो कहीं बच्चों को यह देर से परोसा जा रहा है। मध्याह्न भोजन की रियलटी चेक की यह खबर 28 फरवरी के अंक में प्रकाशित हुई।
इसे गंभीरता से लेते हुए बीएसए हेमंत राव ने दायित्व निर्वहन में शिथिलता-लापरवाही बरतने, अध्यापक आचरण नियमावली के संगत प्राविधानों के विपरीत कार्य करने, शासनादेश में निर्धारित मेन्यू के स्थान पर अन्य भोजन बनाने, खुले में भोजन बनाने, कक्षा-कक्ष में बाइक खड़ा करने आदि कार्यों के कारण नियमों के विपरीत कार्य करने से विभागीय छवि धूमिल करने आदि के मद्देनजर संबंधित नौ विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों का वेतन अग्रिम आदेश तक रोक दिया है।
बीएसए ने संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) को जांच अधिकारी नामित करते हुए एक सप्ताह के अंदर जांच कर आख्या-संस्तुति के साथ अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
0 टिप्पणियाँ