नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि आयकर विधेयक 2025 में आयकर अधिकारियों को ईमेल, सोशल मीडिया और डिजिटल स्पेस तक पहुंचने के लिए नए अधिकार देने की बात गलत है। उन्होंने बताया कि ये प्रावधान पहले से ही मौजूद हैं और नए बिल में सिर्फ उन्हें स्पष्ट तरीके से दोहराया गया है। सूत्रों का कहना है कि आयकर अधिनियम-1961 की धारा 132 के तहत अधिकृत अधिकारी को पहले से ही यह अधिकार प्राप्त है कि वह किसी व्यक्ति से, जिसके पास बही-खाते, दस्तावेज या अन्य रिकॉर्ड इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में मौजूद हैं, उन्हें जांचने और जरूरत पड़ने पर जब्त करने की सुविधा प्राप्त कर सके।
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