आठवें वेतन आयोग के गठन के बाद से ही केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और महंगाई भत्ते यानी डीए को लेकर तरह-तरह की बातें हो रही हैं। हाल ही में राष्ट्रीय संयुक्त सलाहकार मशीनरी परिषद (एनसी-जेसीएम) ने नए वेतन आयोग के तहत महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मिलाने की मांग की थी। अब इस पर सरकार का बयान आया है।
क्या था सवाल
केंद्र सरकार के अधीन वित्त मंत्रालय ने बताया कि डीए को मूल वेतन में मिलाने की योजना नहीं है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। दरअसल, राज्यसभा सदस्य जावेद अली खान ने इस बारे में सवाल पूछा था। सवाल था कि क्या सरकार 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट तैयार होने से पहले 50% डीए को मूल वेतन में मिलाने पर विचार कर रही है। इसी के जवाब में पंकज चौधरी ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
कब से लागू होंगी सिफारिशें
बता दें कि सरकार ने अभी तक औपचारिक रूप से 8वें आयोग का गठन नहीं किया है। इसके अगले महीने (अप्रैल 2025) तक हो जाने की उम्मीद है। आठवें आयोग की सिफारिशों को 2026 में सातवें वेतन आयोग के समाप्त होने के बाद लागू की जाएंगी। नये वेतन आयोग की सिफारिशों से करीब 50 लाख केन्द्रीय कर्मियों को फायदा होगा। गौरतलब है कि सातवें वेतन आयोग का गठन 2014 में किया गया था और इसकी सिफारिशें एक जनवरी, 2016 से लागू हुई थीं। इसकी अवधि 2026 में समाप्त हो रही है।
10 साल पर गठन
आमतौर पर, हर 10 साल में केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के वेतन को संशोधित करने के लिए वेतन आयोग का गठन करती है। 1947 के बाद से सात वेतन आयोग का गठन किया गया है। वेतन आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई की भरपाई के उद्देश्य से महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में संशोधन के फार्मूले की भी सिफारिश करता है। राज्य सरकारें भी केंद्रीय वेतन आयोग की तर्ज पर अपने कर्मचारियों के वेतन में संशोधन करती हैं।
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