प्रयागराज। मऊआइमा थाना क्षेत्र के गांव चकश्याम पूरे हिंचा स्थित भोलानाथ रामसुख इंटरमीडिएट कॉलेज में आयोजित हाईस्कूल की प्रथम पाली विज्ञान की परीक्षा में पकड़े गए नौ फर्जी कक्ष निरीक्षकों से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जांच में पता चला कि नकल कराने के लिए ये परिचय पत्र बनाकर केंद्र में दाखिल हुए थे। मामले में कॉलेज प्रधानाचार्य वीरेंद्र बहादुर सिंह पर भी केस दर्ज किया गया है।
बाह्य केंद्र व्यवस्थापक संजय सिंह ने पुलिस को बताया कि परीक्षा केंद्र में परिचय पत्र के आधार पर अलग-अलग कक्ष में फर्जी निरीक्षक ड्यूटी करते पाए गए। इनके पास विज्ञान विषय (हाईस्कूल) की परीक्षा में कक्ष निरीक्षक का फर्जी परिचय पत्र था। ये लोग विज्ञान की परीक्षा में नकल कराने के उद्देश्य से आए थे। सभी ने लिखित रूप से
स्वीकार किया है। इनकी ड्यूटी लगाने में प्रधानाचार्य वीरेंद्र की संलिप्तता है।
शिकायत पर मऊआइमा पुलिस ने प्रधानाचार्य समेत 10 पर केस दर्ज किया। वहीं, पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस को बताया कि प्रधानाचार्य वीरेंद्र उनको प्रति पाली के हिसाब से 300 रुपये देते थे।
जबकि सामूहिक नकल कराने के लिए प्रति छात्र से 500 से 1000 रुपये वसूला जाता था। प्रधानाचार्य के कहने पर वह पैसा कमाने के लिए नकली कक्ष निरीक्षक बन गए। सभी आरोपियों के पास बीएससी की डिग्री है और परीक्षा से पूर्व अलग-अलग विषयों पर इसकी तैयारी करते थे।
कक्ष निरीक्षकों को छुड़ाने के लिए थाने के बाहर भीड़
फर्जी कक्ष निरीक्षकों के गिरफ्तार होने की बात तेजी से इलाके में फैल गई। इस कारण बुधवार सुबह से लोगों का थाने के बाहर जमावड़ा लगने लगा। चर्चा रही कि नकल माफिया का गिरोह है, जो थाने में बंद फर्जी कक्ष निरीक्षकों को छुड़ाने के लिए जुटे हैं। हालांकि, थाना प्रभारी के सख्त बर्ताव के बाद सभी इधर-उधर हो गए। वहीं, मऊआइमा थाना प्रभारी वीरेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि प्रधानाचार्य वीरेंद्र की तलाश की जा रही है। जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
यूपी बोर्ड : 15 हजार ने छोड़ी 12वीं के इतिहास की परीक्षा
यूपी बोर्ड की बुधवार को हुई हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा में 94 फीसदी अभ्यर्थियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। दूसरी पाली में हुई इंटरमीडिएट के विषय इतिहास की परीक्षा 15 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने छोड़ दी।
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