अमेठी, सरकार ने बच्चों को शिक्षित बनाने के लिए सरकारी विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की है। जिले के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में करीब 1.37 लाख छात्र पढ़ रहे हैं। ये छात्र जब प्राइमरी के बाद उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पहुंचते हैं तो वहां उन्हें विषय के शिक्षकों की कमी का सामना करना पड़ता है।
जिले के 36 उच्च प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं जिनमें महज एक-एक शिक्षक ही तैनात हैं। बीएसए कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जगदीशपुर में 7, सिंहपुर में 1, मुसाफिरखाना में 2, बहादुरपुर में 1, तिलोई में 5, भेटुवा में 1, भादर में 2, बाजारशुक्ल में 2, अमेठी में 3, गौरीगंज में 4, जामो में 4 और शाहगढ़ ब्लाक में 4 मिलाकर जिले में कुल 36 विद्यालय एकल हैं।
एकल स्कूलों में पढ़ रहे 1632 बच्चे
कक्षा 6 से 8 में हिन्दी, गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत, गृहविज्ञान, कला, कृषि विज्ञान मिलाकर 9 विषय एक क्लास में होते हैं। ऐसे में एक शिक्षक, एक समय में, तीनों क्लास
में नहीं पढ़ा पाता। गणित, विज्ञान और अंग्रेजी जैसे विषय के लिए इस विषय के शिक्षक की जरूरत होती है। अकेला शिक्षक जब छुट्टी लेता है तब भी छात्रों की पढ़ाई और विद्यालय दोनों संचालित करना अलग चुनौती होती है। इन एकल विद्यालयों में करीब 1632 छात्र पढ़ रहे हैं और शिक्षक केवल 36, जिससे
शिक्षक और छात्र अनुपात 1:45 है। जबकि जूनियर क्लास में आदर्श शिक्षक छात्र अनुपात 1:35 का होना चाहिए। ऐसे परिवार के छात्र जो प्राइवेट स्कूल की फीस नहीं वहन कर सकते हैं उन्हें सरकारी विद्यालयों में निःशुल्क और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पाने में समस्या हो रही है।
बंद हो गए ये 9 स्कूल
शिक्षकों के ना होने से परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में जगदीशपुर ब्लॉक से 1, सिंहपुर से 1, तिलोई से 1, बाजार शुक्ल-4, जामो से 2 मिलाकर कुल 9 विद्यालय बंद हो गए
एकल विद्यालयों में ब्लॉक ऑफिसर अन्य विद्यालयों से अनुदेशकों और अध्यापकों को भेजकर पढ़ाई की व्यवस्था करवाते हैं। बंद पड़े विद्यालयों को समायोजन के बाद संचालित करने का प्रयास किया जाएगा।
संजय तिवारी, बीएसए
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