उन्नाव। प्राथमिक स्कूलों में 68,500 और 69 हजार शिक्षकों की भर्ती हुए पांच साल हो गए हैं लेकिन अभी तक 18 शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन नहीं हो पाया है। किसी के अभिलेखों में पिता तो किसी में मां के नाम के नाम में गड़बड़ी है। बीएसए स्तर से लिखकर यूनिवर्सिटी और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को सूचना भेजी गई है।
वर्ष 2018 से प्रदेश में 68,500 और 69000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी, जो कि साल 2020 तक पूरी हुई। 68,500 भर्ती प्रक्रिया में जिले में 986 शिक्षकों की तैनाती हुई थी। विभाग अब तक 984 शिक्षकों का सत्यापन करा चुका है, दो शिक्षक ऐसे हैं जिनका सत्यापन अभी तक नहीं हो सका। वहीं, 69000 शिक्षक भर्ती में जिले में 1111 शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी। इनमें 1095 शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन हो सका है और 16 शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन बाकी है। जबकि इन शिक्षकों को वेतन दिया जा रहा है।
बीएसए संगीता सिंह ने बताया कि इन शिक्षकों के माता या पिता के नाम के किसी एक अक्षर में अंतर है। संबंधित यूनिवर्सिटी और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ही सत्यापन कर सकता है। तीन-चार बार रिमाइंडर भी भेजा गया है। उन्होंने बताया कि शासन से आदेश है कि किसी का वेतन न रोका जाए। इसलिए शिक्षक से शपथपत्र लेकर का भुगतान कराया जा रहा है। एरियर का भुगतान सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही किया जाएगा।
बर्खास्त शिक्षिका के माता-पिता के नाम के अक्षरों में अंतर
उन्नाव। फर्जी अभिलेखों पर नौकरी करने वाली शिक्षिका ने भी माता-पिता के नाम के अक्षरों में अंतर करने के साथ जन्मतिथि तीन साल घटाकर नौकरी हासिल की थी। रत्ना कटियार का नाम सामने आने के बाद बीएसए ने उस पते पर रजिस्ट्री भी कराई थी, लेकिन कोई सामने नहीं आया था।
बांगरमऊ ब्लॉक के नेवल प्राथमिक स्कूल में तैनात रहीं बांगरमऊ के नसिरापुर गांव निवासी प्राची कटियार के फर्जी अभिलेखों पर नौकरी करने के बाद की गई सेवा समाप्ति के मामले में अहम बातें पता चली हैं। बीएसए संगीता सिंह ने बताया कि 69 हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत इसकी तैनाती हुई थी। पहले जब इसने रत्ना कटियार के नाम से हाईस्कूल से लेकर स्नातक तक की शिक्षा ग्रहण की तो उसमें पिता का नाम अशोक कुमार कटियार और मां का नाम राविंद्री लिखा था। पता नसीरपुर बांगरमऊ डाला था। रत्ना की पढ़ाई में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट से लेकर स्नातक तक की पढ़ाई में वह सेकेंड डिवीजन रही।
प्राची कटियार के नाम से पढ़ाई की तो पिता का नाम अशोक कुमार, मां का नाम रविंद्री देवी, जन्मतिथि में तीन साल का अंतर करने के साथ गांव का पता नसीरपुर भिक्खन कर दिया। यही नहीं हाईस्कूल में 74 प्रतिशत, इंटरमीडिएट में 71 और स्नातक में 64 फीसदी अंक आए। उसी आधार पर नौकरी मिली। मार्कशीटें दोनों समय की सही थीं। बीएसए ने बताया कि बीईओ को रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए कहा गया है
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