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जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने चिरईगांव ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय पचरांव में छात्रों से खाद्यान्न की बोरियों की ढुलाई के मामले में कार्रवाई की है। जांच रिपोर्ट के आधार पर बीएसए ने प्रधानाध्यापक छोटूराम को निलंबित कर दिया है। प्रधानाध्यापक को बीआरसी कार्यालय से संबद्ध किया गया है। इसके साथ ही सभी 17 सहायक अध्यापकों के एक वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी गई है। तीन अनुदेशकों का मानदेय भी रोका गया है।
11 मार्च को कोटेदार के यहां से एमडीएम का खाद्यान्न विद्यालय में लाया गया था। प्रधानाध्यापक और अन्य शिक्षकों की उपस्थिति में 50 किलो वजन की बोरियों को छात्रों की पीठ पर लादकर विद्यालय में रखवाया गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बीएसए ने मामले की जांच खंड शिक्षा अधिकारी प्रीति सिंह को सौंपी थी।
खंड शिक्षा अधिकारी की जांच में प्रधानाध्यापक छोटूराम को दोषी पाया गया। जांच रिपोर्ट के आधार पर बीएसए ने सोमवार को प्रधानाध्यापक को निलंबित करने का आदेश जारी किया। बीएसए ने इस मामले में हरहुआ के खंड शिक्षा अधिकारी पंकज कुमार को जांच अधिकारी नियुक्त किया है, जो विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंपेंगे। रिपोर्ट के आधार पर अंतिम आदेश जारी किया जाएगा। बीएसए ने विद्यालय के सभी सहायक अध्यापकों की भी जिम्मेदारी तय करते हुए उनके एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए हैं।
सहायक शिक्षकों और अनुदेशकों पर कार्रवाई
विद्यालय में प्रधानाचार्य सहित कुल 21 शिक्षक है। इनमें 17 सहायक शिक्षक और तीन अनुदेशक हैं। बीएसए ने विद्यालय के सभी सहायक शिक्षकों की एक वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी है और तीन अनुदेशकों का मानदेय अगले आदेश तक रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि इन सभी लोगों की भूमिका की विस्तृत जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बोले अधिकारी
छात्रों से खाद्यान्न ढुलाई का मामला बेहद गंभीर है। बच्चों से इस तरह का काम करवाना बाल श्रम के अंतर्गत आता है और यह अपराध है। शिक्षा विभाग बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। - डॉ. अरविंद कुमार पाठक, बीएसए
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