प्रयागराज। प्रदेश के सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के तकरीबन 1200 पद रिक्त हैं। लेकिन, महाविद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात ठीक न होने के कारण नई भर्ती के लिए इनमें से चार सौ पदों की कटौती की जा सकती है। उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से रिक्त पदों का अधियाचन भेजे जाने के बाद उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग भर्ती की प्रक्रिया शुरू करेगा।
पिछले दिनों शिक्षा सेवा चयन आयोग की अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पांडेय ने शिक्षा विभाग के निदेशकों व उनके प्रतिनिधियों संग बैठक कर नई भर्ती के लिए एडेड माध्यमिक विद्यालयों, एडेड महाविद्यालयों व परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों का ब्योरा मांगा था। इसके बाद उच्च शिक्षा निदेशालय ने एडेड महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों की गिनती शुरू करा दी थी।
निदेशालय के सूत्रों का कहना है कि रिक्त पदों की गिनती पूरी कर ली गई है। प्रदेश के 331 अशासकीय महाविद्यालयों में तकरीबन 1200 पद खाली हैं। लेकिन, छात्र-शिक्षक अनुपात ठीक न होने के कारण पदों की संख्या में कटौती की जा सकती है। कई महाविद्यालयों में छात्रों की संख्या काफी कम है। ऐसे में तकरीबन 400 पदों की कटौती करते हुए भर्ती के लिए 800 पदों का अधियाचन भेजने की तैयारी है।
अधियाचन का प्रारूप तय न होने से भर्ती में देरी
रिक्त पदों की गिनती तो पूरी हो चुकी है। लेकिन, अधियाचन का प्रारूप तय न होने से भर्ती शुरू होने में देर हो रही है। शिक्षा सेवा चयन आयोग की ओर से उच्च शिक्षा निदेशालय के अफसरों को कहा गया है कि रिक्त पदों का ई-अधियाचन शासन को पोर्टल पर भेजें और वहां से वह आयोग को मिल जाएगा। वहीं, निदेशालय के अफसरों का कहना है कि पूर्व में सीधे उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग को अधियाचन भेजा जाता रहा है। शासन को केवल राजकीय महाविद्यालयों में भर्ती के लिए अधियाचन भेजने का प्रावधान है। उच्च शिक्षा निदेशालय के अफसरों ने आयोग से वह प्रारूप भी मांगा है, जिसमें अधियाचन भेजा जाना है। सूत्रों का कहना है कि प्रारूप तय न होने के कारण अधियाचन भेजने की प्रक्रिया में देर हो रही है और भर्ती अटकी हुई है।
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