लखनऊ। विधान परिषद में शिक्षामित्रों का मुद्दा एक बार फिर उठा। सपा के डॉ. मान सिंह यादव ने कहा कि सरकार शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने पर विचार क्यों नहीं कर रही है, जबकि समान कार्य के लिए समान वेतन का नियम लागू है।
ध्रुव त्रिपाठी ने कहा कि बजट में सरकार ने संविदा कर्मियों को 20 हजार मानदेय देने की घोषणा की है। शिक्षामित्र भी संविदा कर्मी है, इसलिए उनका मानदेय बढ़ना चाहिए। सपा के आशुतोष सिन्हा ने कहा कि शिक्षामित्रों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है। बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि मानदेय वृद्धि का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। सभापति कहा कि शिक्षक व स्नातक कोटे के सभी सदस्यों की भावनाओं का ख्याल रखते हुए शिक्षामित्रों के मानदेय बढ़ाने पर पुनः विचार किया जाए।
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