प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी में कहा है कि निष्पक्षता प्रतियोगी परीक्षा की आत्मा है। इसलिए मेरिट के साथ समझौते की अनुमति नहीं दी जा सकती। ऐसा करने से परीक्षा तंत्र के प्रति विश्वसनीयता में कमी आती है। इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने वर्ष 2018 की 68,500 सहायक अध्यापक भर्ती में फर्जीवाड़ा कर नियुक्त हुए सहायक अध्यापकों की नियुक्ति निरस्त करने संबंधी आदेश में हस्तक्षेप से इन्कार कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने हमीरपुर की उर्वशी सहित अन्य की याचिकाओं पर दिया है।
0 टिप्पणियाँ