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शिक्षामित्रों के मानदेय में विगत साढ़े छह साल से नहीं हुई कोई बढ़ोतरी

साढ़े छह साल से नहीं हुई बढ़ोतरी

लखनऊ। 2015-16 में सपा सरकार ने 1.70 लाख से अधिक शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक नियुक्त किया था। इससे वंचित रहे कुछ शिक्षामित्रों ने सरकार के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की। सर्वोच्च न्यायालय ने 25 जुलाई, 2017 को शिक्षामित्रों की सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति को रद्द कर दिया। आंदोलन के बाद सरकार ने शिक्षामित्रों का मानदेय 3500 से बढ़ाकर 10,000 कर दिया। 68500 व 69000 शिक्षक भर्ती में उन्हें अतिरिक्त भारांक देकर वरीयता भी दी गई।

■ शिक्षामित्रों के आंदोलन पर ही सरकार ने 2021 के अनुपूरक बजट में मानदेय करीब 1000 रुपये बढ़ाने का मद भी रखा था, लेकिन अभी तक नहीं बढ़ाया गया है।

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