👇Primary Ka Master Latest Updates👇

कोर्ट से शिक्षकों के प्रमोशन पर लगी रोक, जानिए क्या था पूरा मामला?

सोमवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने शिक्षकों के प्रमोशन पर रोक लगा दी है। मुख्य याचिकाकर्ता हिमांशु राणा की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने सरकार को आदेश दिया है कि जब तक सरकार नियमावली में संशोधन करके टेट की अनिवार्यता नहीं लागू करेगी तब तक प्रमोशन नहीं होंगे। जस्टिस मसूदी और जस्टिस सिंह की बेंच ने वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेन्द्र नाथ त्रिपाठी और डीपी शुक्ला की जिरह पर ये आदेश पारित किया, जिसमें याचिकाकर्ता हिमांशु राणा व अन्य का कहना था कि सरकार प्रमोशन करने जा रही है, जबकि बेसिक शिक्षा नियमावली के अनुसार विभाग में नियुक्तियां और प्रमोशन होते हैं उसके रूल 18 में जिसके अनुसार प्रमोशन होते हैं में टेट लागू नहीं किया है जो कि नियम विरुद्ध है, जिसको उच्च न्यायालय ने भी सही माना और पूर्ण प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। सरकार से ये भी कहा है कि आप टेट उत्तीर्ण लोगों का प्रमोशन कर सकते हैं, लेकिन नियमावली में संशोधन करके ही प्रक्रिया बढ़ाई जा सकती है। शिक्षक हिमांशु राणा ने बताया कि सरकार न्यायालय को स्वीकृत पदों में भ्रमित करती
है जबकि शिक्षकों के तमाम पद खाली पड़े हैं। यहां तक कि ट्रांसफर और पदोन्नत्ति के समय में रिक्त पदों का डेटा भी भिन्न दिखाया गया तो इसके लिए अब खंडपीठ में याचिका की तैयारी की जा रही है। हिमांशु राणा ने साफ किया कि शिक्षकों हितों में लड़ाई जारी रहेगी, चाहे देश की सबसे बड़ी अदालत तक जाना पड़े, लेकिन नियम विरुद्ध कोई कार्य नहीं होने दिया जाएगा।

क्या था मामला?

याचिकाकर्ता हिमांशु राणा शिक्षक हितों की लड़ाई लम्बे समय से लड़ रहे हैं जिन्होंने बताया कि सरकार ने 2010 जब से शिक्षा का अधिकार अधिनियम पारित हुआ है तब से आजतक प्रमोशन के लिए बेसिक शिक्षा नियमावली में टेट अनिवार्य नहीं किया है जो कि नियम विरुद्ध है जबकि प्राथमिक विद्यालयों में हेड बनने के लिए या उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक शिक्षक बनने हेतु एनसीटीई ने वर्ष 2014 में ही नियम बना दिया था कि बिना टेट उत्तीर्ण किए शिक्षकों का प्रमोशन नहीं हो सकता है।



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Politics news of India | Current politics news | Politics news from India | Trending politics news,