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एक दशक की कड़ी मेहनत से मिला राज्य शिक्षक पुरस्कार

शिक्षक दिवस पर पांच सितंबर को होंगे सम्मानित

बस्ती शिक्षा के क्षेत्र में सभी मानकों को पूरा करते हुए वर्ष 2022 के राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए सदर क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय परसा जागीर के प्रधानाध्यापक डॉ. शिव प्रसाद का चयन प्रदेश सरकार की ओर से किया गया है। उन्हें पांच सितंबर को शिक्षक दिवस पर सम्मानित किया जाएगा। एक दशक की कड़ी मेहनत का परिणाम है कि विद्यालय को प्रधानाध्यापक को यह उपलब्धि हासिल हुई है।

डॉ. शिव प्रसाद की नियुक्ति वर्ष 20 नवंबर 1999 को जिले के गौर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बड़ोखर में हुई। पदोन्नति के बाद जाता है। 14 दिसंबर 2005 को सदर विकास क्षेत्र के जूनियर हाई स्कूल परसा जागीर में तैनाती हुई। यहां स्कूल की दशा ठीक नहीं थी। बच्चे भी कम थे। डॉ. प्रसाद ने स्कूल को पटरी पर लाने के लिए पूरी ताकत लगाई। हालांकि उन्होंने इसके लिए दस साल तक कड़ी मेहनत की। उन्होंने स्कूल के शिक्षकों, अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के साथ उन अभिभावकों से समन्वय स्थापित किया, जिनके पाल्य यहां शिक्षा पाते थे।

इसके बाद वह स्कूल को विकास के पथ पर ले गए। इनकी मेहनत का परिणाम है कि वर्तमान में सुसज्जित भवन व सभी संसाधनों से विकसित कंपोजिट विद्यालय परसा जागीर जिले में मॉडल के रूप में नाम रोशन कर रहा है। मौजूदा समय में विद्यालय में बच्चों की संख्या 444 है। जहां छह सहायक अध्यापक, तीन अनुदेशक, दो शिक्षामित्र व पांच रसोईया तैनात हैं। इसके साथ ही विद्यालय में पर्यावरण के दृष्टि से 195 विभिन्न प्रजातियों के पौधे हरियाली की शोभा बढ़ा रहे हैं।

स्कूल में बच्चों के ज्ञान के लिए पुस्तकालय की व्यवस्था, बेंच, स्मार्ट क्लास, प्रोजेक्टर एवं कंप्यूटर की सुविधा के साथ खेलने के लिए खेल मैदान सहित कई तरह की कंपोजिट विद्यालय परसा जागीर के शिक्षक डॉ. शिव प्रसाद चयनित प्रधानाध्यापक डॉ. शिव प्रसाद संवाद सुविधाएं मौजूद हैं। जिले में यह विद्यालय मिसाल के रूप में देखा

प्रधानाध्यापक ने बताया कि मॉडल विद्यालय को इस वर्ष पीएम श्री योजना में चयनित किया गया है। वर्ष 2019 में शिक्षा एवं पर्यावरण के क्षेत्र में मंडलायुक्त, डीएम, सीडीओ, एडी बेसिक, बीएसए डायट प्राचार्य व खंड शिक्षा अधिकारी से विभिन्न क्षेत्रों में प्रशस्ति पत्र के साथ सम्मान पाने का गौरव प्राप्त हुआ है। वर्ष 2021 में शिक्षक दिवस के मौके पर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा मंत्री की ओर से प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया, जबकि वर्ष 2021-22 में डीएम की ओर से स्वच्छ विद्यालय के लिए सम्मानित किया गया। उन्होंने बताया कि शिक्षा सेवा में समर्पण भाव से कार्य करने के दौरान अब तक लगभग 110 बार सम्मान पाने का अवसर मिला है।

डॉ. शिवप्रसाद ने बताया कि मौजूदा समय में जिले में इकलौता विद्यालय है जो सभी 19 पैरामीटर पूर्ण कर रहा है। पहली बार अध्यापक राज्य पुरस्कार के लिए वर्ष 2020 में आवेदन किया, मगर चयन नहीं हो पाया। तभी से मन में दृढ़ संकल्प लिया कि विद्यालय का चयन राज्य पुरस्कार के लिए कराकर ही रहूंगा और निरंतर प्रयास से वर्ष 2023 में राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए चयन हुआ।

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