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सरकारी कर्मचारियों से बदले की भावना से काम कर रही सरकार, इप्सेफ ने आगामी चुनावों की दिलाई याद

लखनऊ। इंडियन पब्लिक सर्विस इम्प्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) ने कहा है कि यदि पुरानी पेंशन बहाली, आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन, नियमित करने, संगठनों के पदाधिकारियों के अनियमित बदले की भावना से स्थानांतरण / दंडित करने की कार्यवाही बंद नहीं करेगी तो भावी चुनावों में देश के करोड़ों कर्मचारी परिवार का वोट सरकार को नहीं मिलेगा।

संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्र ने कहा है कि देश भर का कर्मचारी भी भीषण महंगाई से त्रस्त है। सरकार की उत्पीड़नात्मक कार्यावाई से कर्मचारियों के परिजन भी दुःखी है। उत्तर प्रदेश सहित कई राज्य सरकारो ने कर्मचारी संगठनों के निर्वाचित पदाधिकारियों स्थानान्तरण काफी दूर कर दिया है।

उत्तर प्रदेश में प्रधान प्रमुख वन संरक्षक ने फारेस्ट रेंजरों का स्थानांतरण आदेश जारी किया है। जिससे नाराज वन मंत्री के कार्यालय के कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष / महामंत्री को मुख्यालय से बहुत दूर स्थानान्तरण करके संबद्ध कर दिया। अगर गलत स्थानांतरण हुए थे तो हमें प्रधान प्रमुख वन संरक्षक से स्पष्टीकरण मांगा जाना चाहिए था। दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग में कई संगठनों के जिला अध्यक्ष / मंत्री का स्थानांतरण किया गया, स्थानांतरण में धारा-12 जोड़कर संगठनों के अध्यक्ष/महामंत्री का स्थानांतरण किया गया।


जबकि ऐसा कभी नहीं हुआ था। कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि कर्मचारी संगठनों को प्रतिद्वंदी मानकर स्थानांतरण न करे। संघों के पदाधिकरियों के स्थानान्तरण को तत्काल निरस्त करे। इप्सेफ ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि कर्मचारी संगठनों व कर्मचारियों को आन्दोलन, विरोध करने को बाध्य न करे।

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