शिक्षक से मिली सीख ने बदल दी जीवन की दिशा
प्रतापगढ़। गुरु की महिमा अनंत है। गुरु ही है, जो शिष्य को मंजिल की राह बताता है। चाहे अध्यात्म का क्षेत्र हो या फिर शिक्षा का। गुरु की कृपा से ही कोई व्यक्ति एक बड़ी सफलता अर्जित कर सकता है। कई बार गुरु की छोटी सी डांट भी बड़ी सीख का सूत्र बन जाती है। शिक्षक दिवस पर कई ऐसे ही सफल शिष्य, अपने गुरुओं से जुड़े अनुभव साझा कर रहे हैं। संवाद
गुरु ने ही दिखाई जीवन की राह
जिले में बतौर बीएसए पहली तैनाती पाने वाले भूपेंद्र सिंह कहतें हैं, अध्यापक जीवन की दिशा और दशा बदल देते हैं। मेरे गुरु इंद्र कुमार श्रीवास्तव भी ऐसे ही गुरु हैं, जिन्होंने मेरी हर तरह से मदद की। कठिनाइयों के दौरान उन्होंने मेरा मार्गदर्शन किया। देवरिया के सरस्वती शिशु मंदिर अहिरौलीबघेल में तैनात शिक्षक इंद्र कुमार ने गणित और अंग्रेजी पढ़ाई थी। गणित के सूत्रों को इतना रटा दिया था कि सवाल हल करने में देर नहीं लगती थी। वह हमेशा हमारा मार्गदर्शन करते रहते थे। आज वह उसी स्कूल में प्रधानाचार्य हैं। मैं जब घर जाता हूं, तो उनसे मिलने जरूर जाता हूं।
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