👇Primary Ka Master Latest Updates👇

NCF : नई पीढ़ी भाषाई स्तर पर होगी और समृद्ध, बच्चों को स्कूली स्तर पर ही एक-दो नहीं बल्कि तीन-तीन भाषाओं का ज्ञान दिया जाएगा

नई दिल्ली : देश की नई पीढ़ी अब ज्ञान और कौशल के साथ भाषाई समृद्धि के लिए भी पहचानी जाएगी। बच्चों को स्कूली स्तर पर ही एक-दो नहीं बल्कि तीन-तीन भाषाओं का ज्ञान दिया जाएगा। नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) में इसके अमल का पूरा खाका तैयार कर लिया गया है। बच्चों को शुरुआती शिक्षा मातृभाषा में दी जाएगी। दो और भाषाएं उन्हें बतौर विषय के रूप में पढ़ाई जाएंगी। इसका चयन छात्र अपनी पसंद से कर सकेंगे। हालांकि इन तीन भाषाओं में से दो भाषाओं का भारतीय होना जरूरी होगा।
ढ़ाई स्कूल की पढ़ाई के माध्यम के अतिरिक्त होगी। यानी यदि स्कूल हिंदी माध्यम का है, तो भी बच्चों को तीन भाषाएं बतौर विषय पढ़नी होगी। इस दौरान छात्र हिंदी भी बतौर भाषा एक विषय के रूप में पढ़ सकेंगे।

एनसीएफ ने किसी भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश पर कुछ नहीं थोपा है। सभी को अपनी पसंद के हिसाब से भाषाएं पढ़ाने की स्वतंत्रता दी है। माना जा रहा है कि यह पहल भाषाओं को लेकर राजनीति करने वाले राज्यों के लिए भी एक झटका है।

भाषाओं को पढ़ाने का जो रोडमैप तैयार किया गया है, उनमें पहली भाषा मातृभाषा या फिर उसके समृद्ध न होने पर राज्य की भाषा होगी, जबकि दूसरी भाषा भी भारतीय होगी। यह हिंदी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु, उड़िया, बंगाली आदि होगी। तीसरी भाषा अंग्रेजी, जर्मन, फ्रेंच, जापानी, कोरियन आदि होगी। सभी भाषाओं का चयन राज्य अपनी सुविधा के हिसाब से कर सकेंगे ।

आठवीं से दसवीं तक ही पढ़ने को मिलेगी तीन भाषाएं

आठवीं से दसवीं कक्षा तक तीन भाषाएं पढ़ाई जाएंगी। छात्रों को 11वीं में आते ही किन्हीं दो भाषाओं को चुनना होगा। ये भाषाएं उन्हें 11वीं और 12वीं में बतौर विषय पढ़ाई जाएंगी। इन भाषाओं के ज्ञान को परखने के लिए एक लर्निंग आउटकम भी निर्धारित किया गया है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Politics news of India | Current politics news | Politics news from India | Trending politics news,