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इस विभाग से खत्म होंगे हजारों गैरजरूरी पद, यह नये पद होंगे सृजित

UP स्वास्थ्य विभाग में हजारों पद वक्त के साथ गैरजरूरी हो गए हैं। अब उनके होने का कोई औचित्य नहीं है। ऐसे करीब चार हजार पदों को खत्म करने की तैयारी है। इनमें बीसीजी तकनीशियन, डार्क रूम सहायक, नॉन मेडिकल सहायक जैसे कई अन्य पद शामिल हैं। उनके लिए फिलहाल वक्त की जरूरत के मुताबिक नए पदों का सृजन किया जाना है। जिसमें क्रिटिकल केयर, ट्रॉमा केयर, कार्डियोलॉजी तकनीशियन जैसे जरूरी और महत्वपूर्ण पद शामिल हैं। इसके लिए स्वास्थ्य महानिदेशालय ने प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा था।

समय के साथ टीकाकरण से लेकर मरीजों के इलाज और जांचों के तौर-तरीकों में तमाम बदलाव आए हैं। एक दौर था जब पहले एक्सरे खींचा जाता था। फिर डार्क रूम में उसकी धुलाई होती थी। अब यह सारा काम डिजिटल मशीनों से होने लगा है। ठीक इसी तरह पहले बीसीजी का टीका भी एक खास सुई से लगता था। उसे गर्म करके दवा लगाकर हाथ में गोद दिया जाता था। इस काम को वीसीजी तकनीशियन ही अंजाम देते थे।

अब नर्स और एएनएम इस काम में ट्रेंड हो गई हैं। बीसीजी का टीका भी सिरिंज से लगने लगा है। बीसीजी तकनीशियन पद भी गैरजरूरी हो गया है। तीसरा पद नॉन मेडिकल सहायकों का है। यह कुष्ठ रोग निवारण कार्यक्रम में लगे थे। कुष्ठ रोग अब समाप्ति की ओर है। फिजियोथेरेपी तकनीशियन का पद भी गैरजरूरी पदों की सूची में शामिल है। दरअसल विभाग को जरूरत फिजियोथैरेपिस्ट की है।


यह नये पद होंगे सृजित
● ट्रामा तकनीशियन-200


● ओटी तकनीशियन-1029


● कॉर्डियोलाजी तकनीशियन-694 पद


● एनेस्थीशिया एवं क्रिटिकल केयर तकनीशियन-694


● उपचारिका-627


महानिदेशालय से जुड़े सूत्रों की मानें तो शासन को गैरजरूरी पद खत्म करने का प्रस्ताव भेजा गया था। मगर बार-बार आपत्ति लगाई जा रही है। अब शासन के अनुसचिव ने महानिदेशक को पत्र लिखकर कहा है कि खत्म होने वाले पदों में बीसीजी तकनीशियन का पद भी शामिल है जबकि केंद्र सरकार ने क्षय रोग (टीबी) के खात्मे के लिए 2025 तक का समय तय किया है। ऐसे में पुर्नविचार कर संशोधित प्रस्ताव भेजने को कहा गया है।

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