👇Primary Ka Master Latest Updates👇

पुरानी पेंशन की मांग पर अंतरिम राहत से हाई कोर्ट का इन्कार

प्रयागराजः इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पहली अप्रैल 2005 से पहले नियुक्त सहायक अध्यापकों को पुरानी पेंशन स्कीम के अंतर्गत जीपीएफ कटौती की मांग में दाखिल याचिका पर फिलहाल अंतरिम राहत देने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, ऐसे में अंतरिम आदेश जारी नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने याचिका पर राज्य सरकार से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है और अगली सुनवाई के लिए 15 मई की तारीख निर्धारित की है।

यह आदेश न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने कमल कुमार कुशवाहा व दो अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी ने बहस की। कहा कि याचीगण की नियुक्ति पहली अप्रैल 2005 से पहले अनुकंपा पर की गई है। उस समय पुरानी पेंशन स्कीम लागू थी। इसलिए उनके वेतन से जीपीएफ की कटौती कर पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए। याचिका में मांग की गई है कि 28 मार्च 2005 को जारी न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के अंतर्गत याची नहीं आते, क्योंकि उनकी नियुक्ति नई पेंशन स्कीम लागू होने के पहले की गई है, भले ही बीटीसी ट्रेनिंग सर्टिफिकेट एनपीएस लागू होने के बाद जारी किया गया हो।

याचिका में जीपीएफ कटौती रोकने के आदेश को भी चुनौती दी गई है। याची जिला ललितपुर में बेसिक सहायक अध्यापक पद पर कार्यरत हैं। रवींद्र नाथ टैगोर केस में कोर्ट ने पहली अप्रैल 2005 से पहले नियुक्त अध्यापकों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ देने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ विशेष अपील कोर्ट ने खारिज कर दी। सरकार ने इसके खिलाफ एसएलपी दाखिल की, जिसे बाद में सिविल अपील में तब्दील कर दिया गया। यह सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। याची अधिवक्ता का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक नहीं लगाई है। ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश के तहत याचीगण पुरानी पेंशन पाने के हकदार हैं। कोर्ट ने कहा कि मामला विचाराधीन है। ऐसे में अंतरिम आदेश नहीं दिया जा सकता

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Politics news of India | Current politics news | Politics news from India | Trending politics news,