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असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति में अब आचार संहिता का पेच

प्रयागराज। प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर चयनित अभ्यर्थी महीनों से नियुक्ति के लिए भटक रहे हैं। अधिसूचना जारी होने से अभ्यर्थियों को कम से कम एक माह और नियुक्ति के लिए इंतजार करना होगा।



उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने राजकीय महाविद्यालयों में 24 विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 128 पदों पर भर्ती के लिए साक्षात्कार कराए थे। महीनों पहले आयोग ने इनमें से 98 चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति की संस्तुति शासन को भेज दी। बाकी पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की संस्तुति भी धीमे-धीमे शासन को भेजी जा रही है।


इन चयनित अभ्यर्थियों का पुलिस वेरिफिकेशन और मेडिकल परीक्षण होना है। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद ही उच्च शिक्षा निदेशालय चयनितों की ऑनलाइन काउंसलिंग आयोजित करेगा, जिसके तहत चयनितों को कॉलेज आवंटित करते हुए उन्हें नियुक्ति पत्र जारी किए जाएंगे, लेकिन महीनों से पुलिस वेरिफकेशन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है।




इस बीच नगर निकाय की अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।




चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण चयनितों को अब नियुक्ति के लिए मई के मध्य तक इंतजार करना पड़ेगा। उधर, उच्च शिक्षा निदेशालय ने महीनों पहले ही ऑनलाइन काउंसलिंग की तैयारी कर ली थी, ताकि जैसे ही पुलिस वेरिफकेशन और मेडिकल की प्रक्रिया पूरी हो, चयनितों को कॉलेज आवंटित करते हुए नियुक्ति पत्र जारी कर दिए जाएं।


अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग ने तो असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों का चयन परिणाम जारी कर दिया, लेकिन शासन स्तर पर आयोग की ओर से भेजी गई नियुक्ति की संस्तुति को गंभीरता से नहीं लिया गया। चयन के बाद नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया अधिकतम एक माह में पूरी हो जानी चाहिए, लेकिन महीनों बाद भी प्रक्रिया अटकी हुई है। इस बीच चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण नियुक्ति पूरी तरह से फंस गई है.

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