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तबादला नीति के विरोध में परिषदीय स्कूलों के शिक्षक एकजुट

प्रयागराज। परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत अध्यापकों के जिले के अंदर स्थानांतरण/समायोजन के लिए 27 जुलाई को जारी शासनादेश के विरोध में शिक्षक लामबंद होने लगे हैं। शिक्षकों ने रविवार को आजाद पार्क में बैठक कर कई बिन्दुओं पर आपत्ति जताई और नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार तैनाती करने के लिए प्रमुख सचिव को पत्र भेजा।

अनिल कुमार, पंकज, अंकित कुमार, अशोक द्विवेदी, अनिल कुमार मिश्र, अफरोज अहमद आदि का कहना है कि शासनादेश में ग्रामीण से ग्रामीण एवं नगर से नगर स्कूल में शिक्षकों का स्थानांतरण प्रस्तावित है। जबकि नगर क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में बहुत बड़ी संख्या में शिक्षकों का रिटायरमेंट हो चुका है। लिहाजा नगर क्षेत्र के रिक्त पदों पर आरटीई मानक के अनुसार ग्रामीण संवर्ग के शिक्षकों का स्थानांतरण/समायोजन किया जाए।

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) (तैनाती) (प्रथम संशोधन) नियमावली 2010 के अनुसार ऐसे पुरुष शिक्षक जिनकी नियुक्ति या स्थानांतरण पिछड़े क्षेत्र में पांच वर्ष की अनिवार्य सेवा शर्त पूरी हुए बिना अगड़े क्षेत्रों में मनमाने तरीके से कर दी गई है, उन्हें पांच वर्ष की न्यूनतम सेवा अवधि पूरी होने तक ग्रामीण क्षेत्र के आवश्यकता वाले विद्यालयों में समायोजित किया जाए। ऐसे शिक्षक/शिक्षिका जिनके पत्नी/पति एक ही जिले में अलग-अलग विकासखंड में सेवारत हैं उनको प्रथम वरीयता प्रदान करते हुए एक ही विकासखंड में समायोजित/स्थानांतरित किया जाए।

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