👇Primary Ka Master Latest Updates👇

अभिभावकों को समझाएंगे गुरुजी... यूनिफार्म के पैसे दूसरे मद में न उड़ाएं

पीलीभीत। बच्चों की स्कूल ड्रेस के लिए मिलने वाली रकम को अभिभावक अपनी जरूरतों पर खर्च कर ले रहे हैं। अमर उजाला में यह मुद्दा उठाने के बाद बीएसए ने इसे गंभीरता से लिया है। बीएसए अमित कुमार ने कहा है कि ब्लॉक स्तर पर स्कूलों में अभिभावकों की बुलाकर उनसे पूछा जाएगा कि बच्चे को ड्रेस क्यों नहीं बनवाई अभिभावकों को जागरूक किया आएगा। उन्हें समझाया जाएगा कि बच्चों को स्कूल ड्रेस के लिए मिलने वाली रकम से ऐश न करें सभी शिक्षकों को भी इसके निर्देश दे दिए गए हैं।

जनपद में 1499 बेसिक स्कूल हैं। पहले स्कूल में पंजीकृत बच्चों को विभाग की तरफ से ड्रेस वितरण को जाती थी तब ठेकेदारों की ओर से स्कूलों में इस उपलब्ध कराई जाती थी। इसमें भ्रष्टाचार बढ़ा तो शासन ने प्रक्रिया में बदलाव करते हुए ड्रेस की धनराशि को सीधे बच्चों के अभिभावक के खातों में भेजने के आदेश जारी कर दिए।

यूनिफार्म, जूते, मोजे और बैग के लिए 12 सौ रुपये सरकार की तरफ से अभिभावक के खाते में डाले जाते हैं। बावजूद इसके हालात नहीं सुधरे। कुछ अभिभावक बच्चों की ड्रेस बनवाने के बजाय खातों से रुपये निकालकर अपने किसी दूसरे काम में खर्च कर देते हैं। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक ही पिछले सत्र में दो लाख 27 हजार बच्चों में महज 30 फीसदी बच्चों ने स्कूल ड्रेस नहीं खरीदी। नए सत्र में भी अब तक करीब 30 फीसदी बच्चों को ड्रेस बन सकी है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Politics news of India | Current politics news | Politics news from India | Trending politics news,