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पदों में उलझा टीजीटी जीव विज्ञान-2011 का परिणाम, 10 वर्ष से अधिक पुरानी भर्ती होने के कारण गड़बड़ाया समीकरण

प्रयागराज : प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) जीवविज्ञान-2011 का परिणाम 10 वर्ष से ज्यादा समय तक अटके रहने से उलझ गया है। इस विज्ञापन के अन्य विषयों की भर्ती पूरी हो चुकी है, लेकिन जीवविज्ञान विषय की ओएमआर शीट का बंडल पानी से भीग जाने के कारण उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड इसका परिणाम घोषित नहीं कर सका। अब जब जांच प्रक्रिया के बाद परिणाम जारी करने की राह सुगम हुई तो पदों की समस्या का नया संकट खड़ा हो गया। 83 पदों का भर्ती विज्ञापन निकला था, लेकिन अब आधे से ज्यादा पद रिक्त ही नहीं हैं। चयन बोर्ड ने
जीविज्ञान विषय में 83 पदों के लिए भर्ती परीक्षा कराई थी। परीक्षा के बाद ओएमआर शीट का बंडल चयन बोर्ड के कक्ष में रखा गया। वहां बंडल पानी से भीग जाने से समस्या खड़ी हो गई कि आखिर मूल्यांकन किस तरह किया जाए। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इस बीच चयन बोर्ड ने पिछली लंबित भर्तियों को तेजी से पूरा कराने के लिए कार्य किया। उसी बीच चयन बोर्ड ने दो वरिष्ठ सदस्यों को जीवविज्ञान-2011 की ओएमआर शीट मामले में जांच सौंपी। सदस्यों ने ओएमआर शीट से कार्बन कापी से मिलान कर परिणाम घोषित करने की संस्तुति के साथ चयन बोर्ड को जांच रिपोर्ट सौंपी। इसके बाद चयन बोर्ड ने 10 साल से ज्यादा पुरानी भर्ती होने के कारण पदों का सत्यापन कराया तो आधे से भी कम पद ही रिक्त मिले। ऐसे में संकट खड़ा हो गया कि परिणाम घोषित करने पर चयनितों का पैनल कैसे आवंटित हो सकेगा। अब मामला फिर उलझ गया है। चयन बोर्ड नहीं चाहता कि परिणाम घोषित किए जाने के बाद कोई अभ्यर्थी कोर्ट का दरवाजा खटखटाए। मामले में चयन बोर्ड के सचिव नवल किशोर का कहना है कि पदों का सत्यापन कराया जा रहा है। रिपोर्ट के आधार पर परिणाम के संबंध में चयन बोर्ड के चेयरमैन के स्तर से अंतिम निर्णय लिया जा सकेगा।
10 वर्ष से अधिक पुरानी भर्ती होने के कारण गड़बड़ाया समीकरण
ओएमआर शीट भीग जाने से चयन बोर्ड में अटक गया था परिणाम

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