Education news बस्ती। सर्दी शुरू हो गई है, लेकिन कई परिषदीय स्कूलों में जगह की कमी के कारण बच्चों को बरामदे या एक ही कमरे में बैठकर पढ़ना पड़ रहा है। दरअसल, जिले में 298 विद्यालय भवन जर्जर होने के कारण नीलाम करके उन्हें गिरा दिया गया है। जबकि 96 स्कूलों के भवन जर्जर अवस्था में खड़े हैं। इस वजह से कक्षाएं एक कमरे या बरामदे चल रही हैं।
शहर के गांधीनगर और बीएसए कार्यालय परिसर में संचालित स्कूल भी इससे अछूता नहीं है। यहां पर भी जर्जर भवन को गिरा दिया गया, लेकिन नए भवन का निर्माण नहीं हो पा रहा है। शासन ने जर्जर स्कूल भवनों को गिराने के निर्देश वर्ष 2020 में दिए थे।
इसके बाद जिले में 394 स्कूल भवन जर्जर पाए गए थे। बेसिक शिक्षा विभाग ने इन्हें गिरवाना शुरू निर्माण न होने से आ रही है दिक्कत कर दिया, लेकिन बच्चे कहां पढ़ेंगे, उसकी व्यवस्था नहीं की गई।
हालांकि जिन जर्जर स्कूल भवनों को गिराया गया है, वहां के स्टाफ और बच्चों को नजदीकी स्कूलों में भेज दिया गया या एक कमरे या बरामदे में सभी कक्षाएं चलाने के लिए निर्देश दे दिए गए। शहरी क्षेत्र गांधीनगर में प्राथमिक विद्यालय जूनियर हाईस्कूल और प्राथमिक विद्यालय पिकौरा बक्स को मर्ज कर संविलियन विद्यालय बना दिया गया। यहां के भवन जर्जर होने के कारण ध्वस्त कर दिया गया। यहां 256 बच्चे पंजीकृत हैं। कमरे न होने के कारण बरामदे या टिन शेड में बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं।
यही हाल बीएसए कार्यालय परिसर में चल रहे आदर्श प्राथमिक विद्यालय का है, जहां भवन को ध्वस्त कर दिया और एक ही कमरे में कक्षा एक से आठ तक के बच्चे पढ़ते हैं। बहादुरपुर क्षेत्र के ग्राम पंचायत मीतनपुर का प्राथमिक विद्यालय भवन जर्जर होने के कारण ध्वस्त किया जा चुका है। अब केवल एक कमरा बचा है। यहां 90 बच्चे पंजीकृत हैं। एक ही कमरे में सभी बच्चों की कक्षाएं संचालित की जा रही हैं।
जर्जर विद्यालय भवनों को शासन और विभागीय आदेश पर नीलाम किया गया है। बीईओ ने अतिरिक्त कक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया था, जिसे शासन को भेजा जा चुका है। शासन से 40 विद्यालयों में अतिरिक्त कक्ष निर्माण की संस्तुति मिल गई है। जल्द ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। - जगदीश शुक्ल, बीएसए
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