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नहीं बढ़ी कन्वर्जन कास्ट, कैसे बनें मिड-डे मील

पिछले कुछ महीनों में खाद्य सामग्री के दाम तेजी के साथ बढ़े हैं, लेकिन मिड-डे मील के कन्वर्जन कास्ट में कोई वृद्धि नहीं हुई है। ऐसे में बच्चों को स्कूल में विभागीय अधिकारियों के लिए चुनौती बन गया है। प्राथमिक विद्यालय में 4.97 और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 7.45 रुपये प्रति बच्चों की दर से भुगतान किया जा रहा है।
जिले में 1438 बेसिक स्कूल संचालित होते हैं। इनमें 1.98 बच्चे अध्ययनरत हैं। कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के लिए मिड-डे मील बनाने में लगने वाली लागत (कन्वर्जन कास्ट) में वृद्धि नहीं होने से शिक्षक परेशान हैं।

बाजार में मिर्च-मसाला एक साल में काफी महंगा हो गया है तो दूध का भाव गांव में ही 50 रुपये लीटर हो चुका है। गैस सिलेंडर भी 900 रुपये से अधिक हो चुका है। सरसों का तेल बंद बोतल में 180 रुपये लीटर मिल रहा है, लेकिन बेसिक के बच्चों को आज भी गुरुजी प्राथमिक विद्यालय में 4.97 और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 7.45 रुपये लागत पुरानी दरों पर ही भोजन करा रहे हैं।

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री डॉ. संजय शर्मा ने बताया कि मिड-डे मील की कन्वर्जन कास्ट में वृद्धि न होने से परेशानी होती है। इतनी कम लागत में गुणवत्ता पूर्ण भोजन नहीं दिया जाता है। कई बार अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं, लेकिन कन्वर्जन कास्ट में वृद्धि नहीं हो रही है।

कन्वर्जन कास्ट में इजाफा करने का काम शासन का है। शासन से जो लागत निर्धारित की गई, उसी के अनुसार लागत मूल्य में मिड-डे मील बनवाया जा रहा है।

अम्बरीष कुमार, बीएसए

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