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चुनाव में बड़ा मुद्दा बनेगी पुरानी पेंशन, कर्मचारियों के अलग-अलग संगठनों ने बढ़ाया दबाव, प्रदेशव्यापी आंदोलन आज से

प्रयागराज:- विधानसभा चुनाव में पुरानी पेंशन बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। शिक्षकों और कर्मचारियों की ओर से लगातार आंदोलन किए जा रहे हैं। बृहस्पतिवार से बड़े आंदोलन की घोषणा की गई है। कर्मचारी यूनियनों की ओर से चुनाव करीब आने के साथ आंदोलन तेज करने की रणनीति बनाई गई है। ऐसे में कांग्रेस, सपा समेत कई अन्य राजनीतिक दलों के समर्थन से सरकार पर भी दबाव बढ़ गया है।

पुरानी पेंशन के लिए अटेवा की ओर से लगातार आंदोलन जारी है। उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ की ओर से भी सतत आंदोलन की घोषणा की गई है। इसी क्रम में महासंघ की ओर से बृहस्पतिवार को पूरे प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर धरना दिया जाएगा। इसके तहत महासंघ से जुड़े अलग-अलग विभागों के कर्मचारी पत्थर गिरजा घर स्थित धरना स्थल पर जुटेंगे। महासंघ की ओर से पांच दिसंबर को सरकार जगाओ आंदोलन की भी घोषणा की गई है। इसके तहत पूरे प्रदेश के कर्मचारी लखनऊ में जुटेंगे।

इसके अलावा संयुक्त संघर्ष संचालन समिति की ओर से भी बृहस्पतिवार को धरना-प्रदर्शन की घोषणा की गई है। इन संगठनों की और से ज्ञापन भी सौंपा जाएगा। समिति के अध्यक्ष कमल कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि बृहस्पतिवार को होने वाले धरना प्रदर्शन के साथ लखनऊ में प्रस्तावित आंदोलन की भी तैयारी की गई है। कर्मचारी शिक्षक अधिकारी पेंशनर अधिकार मंच की ओर से भी 30 नवंबर को लखनऊ में रैली प्रस्तावित है। रैली में शिक्षकों और कर्मचारियों के अलावा अफसरों एवं पेंशनर्स के संगठन भी शामिल होंगे।
किया जनसंपर्क

शिक्षक, पेंशनर्स के अलग-अलग संगठनों की ओर से 30 नवंबर से प्रस्तावित रैली को सफल बनाने के लिए बुधवार को जनसंपर्क अभियान चलाया गया। कर्मचारी नेताओं ने अलग-अलग विभागों में संपर्क किया और आंदोलन को सफल बनाने की अपील की। मंच से जुड़े राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की बैठक में भी रैली को सफल बनाने की रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक और जनसंपर्क करने वालों में अजय भारती, राग विराग, देवेंद्र पाल सिंह, विनोद कुमार पांडेय, दयाशंकर यादव आदि शामिल रहे।

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