नई दिल्ली: कोरोना काल में वचरुअल क्लास रूम के बाद इस दिशा में भविष्य की तैयारियां जरूर शुरू हो गई हैं लेकिन उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू का साफ मानना है कि वचरुअल शिक्षा पारंपरिक क्लास रूम शिक्षा का विकल्प नहीं हो सकती है। इसकी जगह आफलाइन और आनलाइन शिक्षा के बेहतर पहलुओं को शामिल करते हुए भविष्य के लिए शिक्षा का एक ऐसा मिला-जुला माडल विकसित करने की जरूरत है, जो शिक्षा ग्रहण करने वालों के साथ-साथ शिक्षकों के लिए भी इंटरैक्टिव और दिलचस्प होनी चाहिए। जिससे अधिक से अधिक शिक्षण परिणाम सुनिश्चित हो सके।
नायडू बुधवार को ओपी जिंदल विवि की ओर से आयोजित वर्ल्ड यूनिवर्सिटी समिट को संबोधित कर रहे थे। कहा कि विश्वविद्यालयों को जलवायु परिवर्तन, गरीबी और प्रदूषण जैसी वैश्विक चुनौतियों का समाधान तलाशने के लिए आगे आना चाहिए। दुनिया के सामने खड़ी होती आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक चुनौतियों पर भी विमर्श करना चाहिए।
0 टिप्पणियाँ