शिक्षाबिभाग के सभी अधिकारी जब भी बिधालय आते हैं तो हमने देखा अधिकतर शिक्षामित्रों से बही सबाल करते हैं जो रेगूलर टीचर से जो ५०या६० हजार महीना पाता है अब उनको ये नहीं मालूम किसी के ऊपर नुकीली तलबार लटका कर उससे पूछा जाये कि नीचे क्या लिखा तो बो क्या बता पायेगा जब शिक्षा मित्र अयोग्य हैं तो क्यो हर काम में शिक्षा मित्रों को घसीटा जाता है क्या शिक्षा मित्रों को मानसिक रूप से प्रताणित करके आप उनसे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलबा सकते हैं नही ना गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बही दे सकता है जो मानसिक रूप से स्वस्थ हो आज यूपी का हर शिक्षा मित्र मानसिक रूप से प्रताणित है ऐसे में उससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की आस लगाना ब्यर्थ है जब बो मानसिक रूप से स्वस्थ था तब सब जानते थे कि बह कैसी शिक्षा दे रहा है
आज मानसिक तनाव की तनाव की बजह से ४००० के करीब शिक्षा मित्र दुनिया छोड़ चुके हैं और लगातार २ या ३ शिक्षा मित्र मर रहे हैं जब शिक्षा मित्र अपनी जान दे रहे हैं तो क्या बो शिक्षा दे पायेंगे सोचनीय विषय है हां दण्ड का भय दिखाकर खानापूर्ति तो करा सकते हैं पर जो उससे उम्मीद है उसे पूरा नहीं करा सकते इसलिए पहिले उसे तनाव मुक्त कराये जब उससे शिक्षक के समान सारे कार्य कराने है तो उसे शिक्षकों के समान बेतन भी देना होगा तभी हम उनसे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की उम्मीद कर सकते हैं अन्यथा सिर्फ खानापूर्ति तो चलती ही रहती है
0 टिप्पणियाँ